नई दिल्ली। राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र में इंडिया के बजाए भारत लिखे जाने के बाद विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बयान जारी कर कहा कि इंडिया नाम बदलना संविधान को बदलने की कोशिश है। देश भारत और इंडिया की राजनीति को अच्छे से समझ रही है। मायावती ने कहा कि बीजेपी को गठबंधन इंडिया के नाम पर रोक लगानी चाहिए थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि वह इस मामले में संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसका स्वत: संज्ञान लेकर देश के नाम पर बने सभी संगठनों, पार्टियों और गठबंधनों पर तुरंत रोक लगाए। मायावती ने कहा कि जैसा कि यह विविद है। भारत या इंडिया देश का चिरपरिचित गरिमामय संवैधानिक नाम है। परम पूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के इस पवित्र मानवतावादी और जनकल्याणकारी संविधान से अपने देश के सभी जाति और धर्मों को मानने वाले लोगों को अपार प्रेम, बेहद लगाव और सम्मान है। उन्होंने कहा कि जिसे बदलकर इनकी भावना के छेड़छाड़ कर कोई भी खिलवाड़ करना, क्या यह उचित या न्यायसंगत है? इस मामले में मेरी पार्टी का मानना है कि यह कतई भी उचित और न्यायसंगत नहीं है। यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सच्चाई यह है कि देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका बीजेपी के एनडीए को या खुद विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति या षड़यंत्र के तहत अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखकर इनको दिया है। मायावती ने जारी बयान में कहा कि या फिर यह कहा जाए। यह सत्ता पक्ष और विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से हो रहा है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। वैसे भी कांग्रेस में बीजेपी द्वारा चुनाव पूर्व इनकी इस राजनीति को भारत बनाम इंडिया बनाने के घिनौने खेल को लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिसकी वजह से अब इन्होंने गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और विकास जैसे मुद्दे को दरकिनार कर दिए हैं। इसलिए हमारी पार्टी का इन दोनों जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी गठबंधनों से दूरी बनाये रखना फैसला पूरी तरह से जनहितैषी और सही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यहां मैं यह भी कहना चाहूंगी कि विपक्षी गठबंधन के इंडिया नाम को लेकर केंद्र की सरकार को चाहिए कि लगे हाथ इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए था या फिर इस मामले में कानून बनाकर प्रतिबंध लगा देना चाहिए था। ऐसा नहीं कर इसे लेकर संकीर्ण राजनीति की जा रही है। वह जनविरोधी है। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी यह चाहेगी कि सुप्रीम कोर्ट खुद संज्ञान लेकर ऐसी पार्टी और गठबंधन पर रोक लगाए, जो देश के नाम पर बने हैं। इससे देश की गरिमा को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा भी देश के नाम पर जो संकीर्ण राजनीति की जा रही है। इससे स्वार्थी और संकीर्ण राजनीति से अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ का खुला मौका मिल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले का संज्ञान लेकर अपने संविधान के साथ किसी भी पार्टी या फ्रंट को छेड़छाड़ का मौका नहीं दे।