Thursday, November 30, 2023
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केजरीवाल की हालत ‘नौ सौ चूहे खाके बिल्ली हज को चली’ जैसी : बिधूड़ी

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के शीशमहल के निर्माण की सीबीआई जांच के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि सीबीआई जांच पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी ‘नौ सौ चूहे खाके बिल्ली हल को चली’ जैसी है। वह अपने आपको हमेशा कट्टर ईमानदार बताते हैं लेकिन साबित हो चुका है कि वह और उनकी सरकार कट्टर बेइमान है।

बिधूड़ी ने पूछा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल यह दावा कैसे कर सकते हैं कि उनके खिलाफ अब तक जितनी भी जांच हुई हैं, उनमें कुछ नहीं निकला? उन्होंने कहा कि उन जांचों का ही यह नतीजा है कि केजरीवाल के दो सबसे निकट सहयोगी मंत्री जेल में हैं। उनपर इतने गंभीर आरोप हैं कि कोई अदालत उनकी जमानत ही नहीं ले रही। सत्येंद्र जैन तो पिछले साल मई से जेल में हैं और अब सिर्फ स्वास्थ्य के नाम पर उनकी अंतरिम जमानत हो सकी है जबकि मनीष सिसोदिया फरवरी से जेल में हैं और हर अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल अपने आपको क्लीन चिट कैसे दे सकते हैं जबकि उनकी सरकार के काले कारनामों की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। शराब घोटाला, डीटीसी घोटाला, जल बोर्ड घोटाला, विज्ञापन घोटाला, क्लास रूम घोटाला, पीडब्ल्यूडी घोटाला, पेनिक बटन घोटाला, बिजली घोटाला, अस्पताल घोटाला और जासूसी घोटाले जैसे घोटालों की जांच रिपोर्ट आनी है। केजरीवाल ने जिस तरह अपने आपको क्लीन चिट दी है, वह हर मामले में इसी तरह क्लीन चिट बांटते रहे हैं। उन्होंने अपने सत्येंद्र जैने और मनीष सिसोदिया को तो क्लीन चिट दी ही थी, एक और मंत्री को क्लीन चिट दे दी थी लेकिन बाद में उसकी डिग्री फर्जी पाई गई थी। उन्होंने राशन कार्ड बनाने के नाम पर रेप करने वाले अपने एक मंत्री को भी पहले निर्दोष माना था। पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन को भी केजरीवाल और उनकी सारी पार्टी निर्दोष बताती रही है। एक और मंत्री को उन्हें इसलिए हटाना पड़ा क्योंकि वह रिश्वत मांग रहा था जबकि उसे भी वह सबसे ईमानदार बताते रहे थे।
बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने घर के निर्माण के लिए सारे नियमों को ताक पर रख दिया। न कोई टेंडर किया गया और न ही कहीं से मंजूरी ली गई। मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज का भी उल्लंघन किया गया। यह घोटाला सिर्फ 48 करोड़ का नहीं बल्कि 179 करोड़ रुपए का है। जांच से ही इसकी सारी सच्चाई सामने आ सकेगी। केजरीवाल ने जिस तरह नियमों-कायदों का उल्लंघन किया है तो उक्त तमाम घोटालों के साथ-साथ इस मामले में भी उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। इसलिए अपने आपको क्लीन चिट देने की बजाय उन्हें जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिए।

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