Thursday, November 30, 2023
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भाजपा को अरविंद केजरीवाल से डर लगता है, इसलिए मंत्री राजकुमार आनंद के घर डलवाया ईडी का छापा : आतिशी

नई दिल्ली। भाजपा आम आई पार्टी से ख़ौफ़ खाई हुई है। अरविंद केजरीवाल को बेबुनियाद समन भेजने के 2 दिन बाद ही दिल्ली के श्रम मंत्री राजकुमार आनंद के घर ईडी का छापा इसका प्रमाण है। यह बात शुक्रवार को आप की वरिष्ठ नेता व दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी ने प्रैसवार्ता में कही। आतिशी के साथ मंत्री राजकुमार भी प्रैसवार्ता में मौजूद रहे। आतिशी ने कहा कि, मात्र 2 दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जब ईडी का समन आया तब मैंने मीडिया को बताया था कि ये समन सिर्फ़ एक शुरुआत है, अभी आम आदमी पार्टी के और नेताओं को समन किया जाएगा, उनके घर छापे मारे जाएँगे, गिरफ़्तार किया जायेगा, जेल में डाला जाएगा। क्योंकि भाजपा को आम आदमी पार्टी से, अरविंद केजरीवाल जी से डर लगता है। और 2 दिन में ही ये बात सच साबित हो गई जब दिल्ली के श्रम मंत्री और पटेल नगर के विधायक राजकुमार आनंद के घर ईडी का छापा पड़ गया। उन्होंने कहा कि, कल सुबह 5:40 बजे ईडी ने राजकुमार आनंद जी के घर छापा डाला एक ऐसे केस में जो 19 साल पुराना है। एक ऐसा केस जो 2005 में रजिस्टर्ड हुआ और पिछले 19 साल से कस्टम ट्रिब्यूनल में सबज्यूडिस है। पिछले 19 सालों में इस केस में कोई कारवाई नहीं हुई लेकिन आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को दो एजेंसियाँ ईडी और सीबीआई, आम आदमी पार्टी को परेशान करने में लगी हुई है, ख़त्म करने में लगी हुई है तो ये 19 साल पुराना केस कही से निकाल लिया गया और कल सुबह राजकुमार आनंद के घर छापा पड़ा। आतिशी ने कहा कि, ये छापा 20 घंटे तक चला। इन 20 घंटों में राजकुमार आनंद के घर को तहस नहस कर दिया गया। उनके परिवार को परेशान किया। गद्दे-तकिये फाड़ दिये, दीवारें-फ़र्श तोड़ दिये लेकिन ईडी वालों को कुछ नहीं मिला। साथ ही छापा इनके रिश्तेदारों के घर पड़ा, जो लोग इनके साथ 15-20 साल पहले व्यापार करते थे उनके घर पड़ा। लेकिन फिर भी उनको आम आदमी पार्टी के एक के ख़िलाफ़ कुछ भी नहीं मिल पाया।

हम न सीबीआई से डरेंगे न ईडी से डरेंगे और अपने नेता अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े रहेंगे : आनंद राजकुमार आनंद ने कहा कि, मैंने बचपन में एक बाल श्रमिक के रूप में काम किया। उसके बाद लगातार संघर्ष करके 1996 से अपना आयात-निर्यात का व्यवसाय शुरू किया। 2005 के एक मामले में मुझे 2007 में उसका ‘कारण बताओ नोटिस’ मिला। उसके बाद मैं इसकी अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मैंने वो राशि जमा करवाई। उसके बाद अपील दायर करने का मौक़ा दिया गया। अभी ये अपील चल रही है। लेकिन पिछले 19 सालों में इसपर संज्ञान लेने का समय नहीं मिला। आज अचानक ये केस खोल दिया जाना राजनीतिक साज़िश के अलावा कुछ नहीं है। ये केवल परेशान करने का तरीक़ा है। कल 20 घंटे की सर्च इसी का नतीजा है। हम सच की राह पर काम की राजनीति करने वाली पार्टी है इसलिए परेशान किया जा रहा है। भाजपा, काम की राजनीति करने वाली पार्टियों का मुँह बंद करना चाहती है लेकिन हम बाबा साहब के अनुयायी है उनके संविधान में विश्वास करने वाले है। हम न सीबीआई से डरेंगे न ईडी से डरेंगे और अपने नेता अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े रहेंगे।

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