नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि केजरीवाल सरकार राजधानी में आतिशबाजी पर प्रतिबंध लागू करने में पूरी तरह नाकाम रही है। केजरीवाल सरकार ने प्रतिबंध का नोटिफिकेशन जानबूझ कर देरी से जारी किया। इसलिए अब केजरीवाल स्वयं सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होकर माफी मांगें कि उनकी सरकार प्रतिबंध लागू करने में असफल रही है। बिधूड़ी ने कहा कि हम बताते हैं कि दिल्ली में इतने बड़े पैमाने पर आतिशबाजी क्यों चली। दरअसल, दिल्ली सरकार ने 12 सितंबर 2023 को दीवाली पर पटाखे चलाने पर प्रतिबंध का ऐलान कर दिया था। स्वयं गोपाल राय ने इसकी घोषणा की थी, लेकिन पटाखों पर प्रतिबंध का नोटिफिकेशन दिल्ली सरकार ने जानबूझ कर जारी नहीं किया। यह नोटिफिकेशन लगभग एक महीने बाद 6 अक्टूबर को जारी किया गया। इस दौरान दिल्ली में पटाखों की दुकानें खुली रहीं और उनमें खूब बिक्री भी हुई। सभी को पता था कि दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध है और अभी पटाखे बिक रहे हैं तो लोगों ने स्टॉक कर लिया और उसका इस्तेमाल दीवाली पर किया। बिधूड़ी ने पूछा कि गोपाल राय बताएं कि किस लालच में आप सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करने में देरी की और इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है? नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। दीवाली की रात डीएम या एसडीएम या फिर दिल्ली सरकार की कोई भी टीम ग्राउंड पर नजर नहीं आई। गोपाल राय बताएं कि आखिर दिल्ली सरकार की कितनी टीमों ने राजधानी का दौरा किया और पटाखे चलते हुए देखे या पुलिस से फोर्स मांगकर कहीं छापा मारा। उन्होंने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए थे और दिल्ली सरकार इस प्रतिबंध को लागू करने में पूरी तरह नाकाम रही है। इसलिए अब मुख्यमंत्री केजरीवाल को स्वयं अदालत के सामने पेश होना चाहिए और माफी मांगते हुए कहना चाहिए कि हम दिल्ली में आतिशबाजी पर प्रतिबंध के सुप्रीम कोर्ट के कड़े आदेश को लागू करने में नाकाम रहे हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट उन्हें क्या सजा देता है, यह कोर्ट पर निर्भर है।