नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने जोर देकर कहा है कि जब तक केजरीवाल सरकार लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सुलभ विकल्प नहीं देगी, तब तक दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर काबू पाना असंभव है। बिधूड़ी ने टास्क फोर्स के गठन का स्वागत किया है लेकिन कहा है कि इसका गठन बहुत देरी से किया गया है। बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार केवल प्रतिबंध और बंदिशें लगाकर प्रदूषण पर काबू नहीं पा सकती। इसकी बजाय लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का विकल्प उपलब्ध कराना ही होगा। उन्होंने कहा कि टास्क फोर्स को जो काम दिए गए हैं, उनमें ग्रेप-4 के अंतर्गत प्रतिबंधित गाड़ियों को चलने से रोकने का भी प्रमुख काम है। सरकार के इस प्रतिबंध के कारण 3 लाख से अधिक गाड़ियां सड़कों से हटाने का आदेश है लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों को गाड़ियां सड़क पर लाने से रोका गया है, उनके लिए क्या विकल्प सरकार ने उपलब्ध कराया है? चूंकि सरकार ने केवल प्रतिबंध लगाया है और उन लोगों के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट मुहैया नहीं कराया तो लोग अपनी गाड़ियां सड़कों पर लाने के लिए मजबूर हैं। बिधूड़ी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुझाव दिया है कि स्कूलों की सीएनजी बसों को हायर किया जाए और उन्हें दिल्ली के विभिन्न रूटों पर चलाया जाए ताकि बीएस-3 और बीएस-4 की जिन गाड़ियों को प्रतिबंधित किया गया है, उनके मालिकों को आवाजाही के लिए विकल्प मिल सके। चूंकि इन दिनों प्रदूषण के कारण स्कूल बंद हैं तो स्कूलों से ऐसी बसों को हायर करना मुश्किल नहीं होगा। इसके अलावा भी प्राइवेट ऑपरेटरों से सीएनजी बसें लेकर उन्हें चार्टर्ड बसों के रूप में चलाया जा सकता है। नेता विपक्ष ने कहा कि राजधानी में पिछले आठ सालों में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंचा है क्योंकि केजरीवाल सरकार ने इन दिनों डीटीसी के बेड़े में एक भी सीएनजी बस शामिल नहीं की। जितनी बसें अब चल रही हैं, वे सभी अपनी उम्र पूरी कर चुकी हैं। अगर सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर पूरा ध्यान देती तो ऐसे गंभीर हालात नहीं बनते।